Maha Shivratri महाशिवरात्रि 2025: तिथि, महत्व, पूजा विधि और उत्सव
महाशिवरात्रि 2025 की तिथि और समय
महाशिवरात्रि, भगवान शिव को समर्पित एक प्रमुख हिंदू त्योहार है, जो फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। वर्ष 2025 में, महाशिवरात्रि 26 फरवरी, बुधवार को मनाई जाएगी। पूजा के शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:
- निशिता काल पूजा समय: 12:37 AM से 01:29 AM (27 फरवरी)
- रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय: 06:30 PM से 09:46 PM
- रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय: 09:46 PM से 01:03 AM (27 फरवरी)
- रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय: 01:03 AM से 04:20 AM (27 फरवरी)
- रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय: 04:20 AM से 07:36 AM (27 फरवरी)
- चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 06:38 AM (26 फरवरी)
- चतुर्दशी तिथि समाप्ति: 04:24 AM (27 फरवरी)
महाशिवरात्रि का महत्व
महाशिवरात्रि का शाब्दिक अर्थ है ‘शिव की महान रात्रि’। यह त्योहार भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह का प्रतीक है। साथ ही, यह शिव के तांडव नृत्य की स्मृति में भी मनाया जाता है, जो सृष्टि, संरक्षण और विनाश का प्रतीक है। इस दिन, भक्त उपवास रखते हैं, रात भर जागरण करते हैं, और भगवान शिव की पूजा करते हैं ताकि अज्ञानता और अंधकार पर विजय प्राप्त की जा सके।
महाशिवरात्रि की पूजा विधि

महाशिवरात्रि के दिन, भक्त विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। पूजा विधि में निम्नलिखित चरण शामिल हैं:
- स्नान और शुद्धिकरण: प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- व्रत का संकल्प: भगवान शिव की आराधना के लिए उपवास का संकल्प लें।
- शिवलिंग का अभिषेक: दूध, दही, शहद, घी, और गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करें।
- बिल्वपत्र अर्पण: शिवलिंग पर बिल्वपत्र, धतूरा, और आक के फूल चढ़ाएं।
- मंत्र जाप: ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
- आरती और भजन: भगवान शिव की आरती करें और भजन गाएं।
- रात्रि जागरण: पूरी रात जागकर भगवान शिव की कथा सुनें और ध्यान करें।
महाशिवरात्रि के उत्सव
भारत भर में महाशिवरात्रि धूमधाम से मनाई जाती है। प्रमुख शिव मंदिरों में विशेष पूजा, भजन, कीर्तन, और मेलों का आयोजन होता है। काशी विश्वनाथ (वाराणसी), महाकालेश्वर (उज्जैन), और सोमनाथ (गुजरात) जैसे मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। भक्तजन उपवास रखते हैं, रात भर जागरण करते हैं, और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष अनुष्ठान करते हैं।
महाशिवरात्रि 2025: घर पर कैसे मनाएं?
यदि आप मंदिर नहीं जा सकते, तो घर पर भी महाशिवरात्रि मना सकते हैं:
- व्रत रखें: दिन भर फलाहार करें और सात्विक भोजन ग्रहण करें।
- शिवलिंग की पूजा करें: घर पर शिवलिंग स्थापित करके अभिषेक करें।
- मंत्र जाप करें: ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
- ध्यान करें: भगवान शिव का ध्यान करें और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करें।
महाशिवरात्रि व्रत के लाभ
महाशिवरात्रि का व्रत रखने से आध्यात्मिक और शारीरिक लाभ प्राप्त होते हैं:
- आध्यात्मिक शुद्धि: व्रत और ध्यान से मन की शुद्धि होती है।
- शारीरिक स्वास्थ्य: उपवास से पाचन तंत्र को विश्राम मिलता है और शरीर डिटॉक्स होता है।
- सकारात्मक ऊर्जा: भगवान शिव की आराधना से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
महाशिवरात्रि से संबंधित प्रमुख प्रश्न
महाशिवरात्रि 2025 कब है?
महाशिवरात्रि 2025 में 26 फरवरी, बुधवार को मनाई जाएगी।
महाशिवरात्रि का महत्व क्या है?
यह भगवान शिव और देवी पार्वती के विवाह का प्रतीक है और अज्ञानता पर ज्ञान की विजय का उत्सव है।
महाशिवरात्रि की पूजा विधि क्या है?
इस दिन, भक्त उपवास रखते हैं, शिवलिंग का अभिषेक करते हैं, मंत्र जाप करते हैं, और रात भर जागरण करते हैं।
महाशिवरात्रि व्रत के लाभ क्या हैं?
व्रत रखने से आध्यात्मिक शुद्धि, शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार, और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
निष्कर्ष
महाशिवरात्रि 2025 एक महत्वपूर्ण अवसर है भगवान शिव की आराधना और आत्मचिंतन के लिए। इस दिन को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाएं, उपवास रखें, पूजा करें, और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करें। महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं!
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